द गर्ल इन रूम 105
मैंने ठीक वही फ़्लाइट पकड़ी, जो उसने पकड़ी थी, लेकिन इस बार उल्टी दिशा में मैंने 4:55 पर दिल्ली से हैदराबाद की पहली फ़्लाइट पकड़ी और शेड्यूल से पहले 6 बजकर 50 मिनट पर वहां पहुंच गया। एयरपोर्ट से बाहर निकलते समय मुझे कई सीसीटीवी कैमरे दिखाई दिए। मुझे उम्मीद थीं कि राणा मुझे इन सीसीटीवी कैमरे के फुटेज तक एक्सेस दिला देगा। मैं 7 बजकर 05 मिनट पर राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बाहर निकल आया। अनेक ड्राइवर्स मुझे शहर में ले जाने के लिए तैयार थे। उन्होंने कैश लिया और मेरे बारे में कोई डिटेल्स जानने की कोशिश नहीं की। मैं एक टैक्सी लेकर अपोलो हॉस्पिटल गया। सुबह के समय ना के बराबर ट्रैफिक था, इसलिए मैं 7:29 बजे वहां पहुंच गया। में मेन लॉबी में गया और वहां मुझे एक कॉमन टॉयलेट दिखा। हॉस्पिटल में पेशेंट्स को हरे रंग के कपड़े पहनने होते हैं तो रघु ने यहीं पर अपने कपड़े बदले होंगे। मैंने समय देखा, 7:33 हो रहे थे। जारा की मौत वाली सुबह राणा ने 8:45 पर रघु को फ़ोन लगाया था। तब रघु हॉस्पिटल में पहुंचा ही होगा। वह बातचीत मैंने भी सुनी थी। एक नर्स ने फ़ोन उठाया था, और फिर उसे रघु को दिया था। उसका कोई क्रिश्चियन नाम था।
मैं लिफ्ट लेकर पहले फ़्लोर के प्राइवेट रूम्स में चला गया। अगर रघु अस्पताल से बिना किसी की नज़र में आए बाहर निकल जाना चाहता था, तो उसने ज़रूर फर्स्ट फ्लोर पर ही प्राइवेट रूम लिया होगा, ताकि खिड़की से बाहर निकल सके।
जी, मैं आपकी क्या मदद कर सकती हूं?" एक नर्स ने मुझसे कहा। ‘मेरा एक दोस्त यहां पर एडमिट हुआ था, मैंने कहा 'एक नर्स उसे अटेंड कर रही थी। मैं उससे मिलना चाहता हूँ, उसे शुक्रिया कहना चाहता हूं।' "उसका नाम क्या था, सर?"
मैं चुप हो गया।
मैं याद करने की कोशिश कर रहा हूं। जेनी, नो बेट, जेनी। वो तेलुगु लहजे में बात करती है, मैंने कहा। 'ओह, जेनी एन्थनी, सर' नर्स ने कहा 'वो यहीं है। स्टाफ़ कैंटीन में एक बार देख लीजिए, शायद वो वहां पर नाश्ते के लिए गई हो।'
'भला कोई ऐसे पेशेंट को कैसे भूल सकता है, जो अपने पीछे दस हजार रुपए की टिप छोड़ जाए?' जेनी ने कहा मैंने उसे अपने फ़ोन में रघु की तस्वीर दिखाई थी।
हॉस्पिटल के स्टॉफ कैंटीन से मेद बड़ा और डेटॉल की गंध आ रही थी। उस छोटे से रूम में चाय के फ़्लास्क रखे थे और सैक्स का एक छोटा-सा काउंटर भी वहां था। मैं जेनी के साथ एक कोने में बैठा था, ताकि कोई भी
हमारी बातें नहीं सुन सके। 'तो यहां पर उसका इलाज चल रहा था। किस चीज का और कितने समय? एक हफ्ता?" "पांच दिन जब वो यहां से गए, तब भी पूरी तरह से ठीक नहीं थे, लेकिन टेस्ट्स ठीक आने के बाद
डॉक्टरों ने उन्हें जाने दिया।' "वो नहीं चाहता था कि मैं परेशान होऊ, इसलिए उसने मुझे कभी कुछ ठीक से नहीं बताया। इसलिए मैं
यहां आपसे पूछने आया हूं।"
'ओह, इट्स ओके, सररा'
"उसके साथ एग्ज़ैक्टली क्या हुआ था?"
'बाएं हाथ में हेयरलाइन फ्रैक्चर बांहों और पैरों पर चोट के निशान। ऐडी में मोच।' "यहां पर अपने स्टे के दौरान क्या उसने कुछ ऐसा किया था, जो सामान्य नहीं था?' 'जैसे कि, सर? वो चुप रहने वाले इंसान थे, आपको तो पता ही होगा। उनके पैरेंट्स उनसे मिलने जाया करते थे। वो आराम करते रहते और कभी-कभी अपना फ़ोन इस्तेमाल करते दिख जाया करते।'